अनलॉक-4.0 में तमाम तरह की ढील के बाद वह प्रतिबंध भी समाप्त कर दिया गया, जिसमें प्रदेश में एक दिन में 2000 व्यक्तियों को ही प्रवेश करने की अनुमति थी। लिहाजा, राजधानी होने के चलते सभी प्रमुख प्रतिष्ठान यहां हैं और इसी कारण बाहरी राज्यों से आवागमन भी अधिक है। आवागमन में छूट मिल जाने से कोरोना संक्रमण ने भी अभूतपूर्व रफ्तार पकड़ ली है। अब महज 17 दिन में कोरोना के आंकड़े डबल हो रहे हैं। कोरोना का यह डबलिंग रेट एक सितंबर से सात सितंबर तक के मामलों पर आधारित है। वहीं, कोरोना के सर्वाधिक संक्रमण वाले अन्य चार जिलों में अगस्त की अपेक्षा अधिक दिन पर कोरोना डबल हो रहा है।
अगस्त माह तक हरिद्वार जिला कोरोना संक्रमण में आगे चल रहा था। यहां का डबलिंग रेट भी कम दिन था, मगर जैसे ही अनलॉक का चौथा चरण शुरू हुआ तो दून महज सात दिन के भीतर ही संक्रमण में टॉप पर आ गया। हालांकि, दून में कोरोना की जांच भी सर्वाधिक की जा रही है। अब तक 74 हजार से अधिक सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं और करीब साढ़े 71 हजार की रिपोर्ट भी आ चुकी है।
इस लिहाज से अच्छी बात यह है कि कोरोना के मामले जल्द पकड़ में आ पा रहे हैं। जांच में दूसरे नंबर पर हरिद्वार है और लंबित सैंपल की संख्या भी कम है। अधिक चिंता की बात यह है कि कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार के अनुरूप ऊधमसिंहनगर में सैंपल की जांच तेज गति से नहीं हो पा रही, तो नैनीताल में जांच की रफ़्तार काफी सुस्त है।
अधिक संक्रमण वाले जिलों में डबलिंग रेट (साप्ताहिक आधार पर दिनों की संख्या)
जिला, सितंबर, अगस्त, जुलाई
देहरादून, 17, 30, 54
हरिद्वार, 30, 18, 150
यूएसनगर, 27, 21, 25
नैनीताल, 24, 19, 18
सैंपल की यह है तस्वीर
जिला, सैंपलिंग, जांच को लंबित
देहरादून, 74345, 980
हरिद्वार, 73498, 602
यूएसनगर, 70591, 2002
नैनीताल, 37644, 932