खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स का आतंकी रंजीत सिंह नीटा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धमकी दी है। नीटा पीलीभीत में हुए एनकाउंटर से नाराज है जिसमें तीन खालिस्तान समर्थक आतंकी मारे गए थे। नीटा के खिलाफ आधा दर्जन से ज्यादा FIR दर्ज हैं। वह 80 के दशक में जम्मू में ट्रक चलाता था लेकिन बाद में आईएसआई के संपर्क में आ गया।
पाकिस्तान में छिपकर बैठे खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स यानी केजेएफ के आतंकी रंजीत सिंह नीटा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धमकी दी है। आतंकी नीटा यूपी के पीलीभीत में हुए एनकाउंटर से नाराज है।
आतंकी ने धमका भरा ऑडियो जारी कर सीएम योगी, यूपी पुलिस, पंजाब पुलिस और भारतीय एजेंसियों से बदला लेने की बात कही है। आखिर कौन है आतंकी रंजीत सिंह नीटा? जो कश्मीरी व खालिस्तान समर्थक आतंकी संगठनों के बीच की अहम कड़ी बनकर भारत में आतंकवाद व राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को शह देने का प्रयास कर रहा है।
खालिस्तान समर्थक आतंकी रंजीत सिंह निटा का नाम इन दिनों फिर से सुर्खियों में है। दरअसल, पंजाब के गुरदासपुर में पुलिस चौकी पर हुए हमले में शामिल तीन खालिस्तान समर्थक आतंकियों को पंजाब पुलिस और यूपी पुलिस की संयुक्त टीम ने बीते दिनों पीलीभीत में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया।
इस एनकाउंटर के बाद से नीटा काफी ज्यादा गुस्से में है। इस मुठभेड़ को लेकर नाराज नीटा ने सीएम योगी, यूपी पुलिस और पंजाब पुलिस समेत भारतीय एजेंसियों को भी धमकी दे दिया है।
बता दें कि आतंकी नीटा मूल रूप से जम्मू के आरएसपुरा के सिंबल कैप क्षेत्र का रहने वाला है। सूत्रों की माने तो आतंकी नीटा आईएसआई के इशारे पर भारत में युवाओं को भड़काने और आतंकियों के स्लीपर सेल को स्थापित करने का काम करता है। गुरदासपुर के पुलिस चौकी पर हुए हमले में नीटा का नाम सामने आया था।
आतंकी रंजीत सिंह निटा के खिलाफ आधा दर्जन से ज्यादा एफआईआर दर्ज हैं। जिसमें 1988 और 1999 के बीच जम्मू और पठानकोट के बीच चलने वाली ट्रेनों और बसों में बम विस्फोटों से संबंधित मामले भी शामिल हैं।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी देविंदर शर्मा की हत्या के मामले में भी नीटा के खिलाफ अक्टूबर 2001 में कठुआ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। वहीं, जम्मू-कश्मीर में वर्ष 1998 में खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स का डिप्टी कमांडर धर्मवीर सिंह राजू गिरफ्तार किया गया था।
खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स का आतंकी रंजीत सिंह नीटा 80 के दशक में जम्मू में ट्रक चलाता था। हालांकि, बाद में जम्मू के सीमांत क्षेत्रों में सक्रिय तस्करों के जरिए नीटा आईएसआई के संपर्क में आया गया। आईएसआई ने उसका इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर और पंजाब में आतंक को शह देने के लिए किया। आईएसआई काफी लंबे समय से सक्रिय आतंकियों तक हथियार पहुंचाने के लिए नीटा का इस्तेमाल करती आई है।
बता दें कि कई वारदात को अंजाम देने के बाद नीटा अपनी जान बचाने के लिए 90 के दशक में सीमा पार कर पाकिस्तान भाग गया था। पाकिस्तान जाने के बाद आतंकी नीटा काफी समय तक जम्मू में अपने समर्थकों के संपर्क में रहा था। इस दौरान उसके कई गुर्गे नीटा के नाम पर जम्मू-कश्मीर में सरकारी ठेके भी लेते रहते थे।
लेकिन बाद में जम्मू-कश्मीर पुलिस व खुफिया एजेंसियों के बढ़ते दवाब के कारण जम्मू-कश्मीर में आतंकी नीटा का प्रभाव कम हो गया। लेकिन नीटा अब पंजाब में अपने पैरे तेजी से पसार रहा है। इस समय नीटा की आयु 65 साल के करीब है।