पंजाब, हरियाणा सहित पड़ोसी राज्यों में पराली के जलने की शुरूआत और मौसम में हो रहे बदलावों ने केंद्र की चिंताएं फिर बढ़ा दी है। हर साल ऐसी ही स्थिति निर्मित होने पर दिल्ली और एनसीआर जहरीले धुएं से घिर जाता है। फिलहाल इस संभावना को देख केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को मोर्चा संभाला है।
जावड़ेकर ने दिल्ली सहित पड़ोसी राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों की बुलाई बैठक
उन्होंने एक अक्टूबर को दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के पर्यावरण मंत्रियों की एक वर्चुअल बैठक बुलाई है। जिसमें राज्यों की ओर से इससे निपटने के लिए उठाए गए उपायों को लेकर चर्चा होगी। केंद्रीय मंत्री जावडेकर ने मंगलवार को बताया कि देश के उत्तरी राज्यों में खासकर दिल्ली में सर्दियों के महीनों में वायु प्रदूषण की समस्या मौसम संबंधी और भौगोलिक कारणों के कारण होती है। साथ ही कहा कि वायु प्रदूषण के खतरे से लड़ने के लिए केंद्र, राज्य सरकारों और नागरिकों को मिलकर काम करने की जरूरत है। यह सभी की एक साझा जिम्मेदारी है।
राज्यों की ओर से उठाए गए कदमों की भी होगी समीक्षा
किसी समस्या की पहचान करने को उसके समाधान की दिशा में पहला कदम बताते हुए जावडेकर ने कहा कि पीएम मोदी ने 2016 में ही रियर टाइम एयर क्वालिटी इंडेक्स लांच किया था। जिसमें वायु की गुणवत्ता को जांचने में आसानी हुई है। साथ ही पिछले कुछ सालों में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी। बैठक में राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों के साथ केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), स्थानीय नगरीय निकायों और प्राधिकरणों के प्रमुख भी शामिल रहेंगे।
दलालों के साथ खड़ी है कांग्रेस: जावेड़कर
केंद्रीय मंत्री जावडेकर ने कृषि कानून को लेकर कांग्रेस के विरोध पर तीखा हमला बोला और कहा कि वह जनता से कट चुकी है। अपने ही किए वादों को वह भूल गई है। मंगलवार को पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने कांग्रेस पर दलालों से साथ खड़े होने का भी आरोप लगाया और कहा कि नए कानून लागू हो गए है। एमएसपी पहले से ही घोषित है। नई दरों पर खरीद भी शुरू हो गई है। किसान अपना धान बेच रहे है।