आपदा की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन विभाग सभी जिलों में भूकंपरोधी भवनों का माडल तैयार करेगा, ताकि स्थानीय निवासी इसके अनुरूप अपने भवनों का निर्माण करा सकें। इसके साथ ही राज्यभर में राज मिस्त्रियों को भूकंपरोधी तकनीक से भवन बनाने के लिए विशेषज्ञ संस्थानों के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाएगा। आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास मंत्री डा धन सिंह रावत ने बुधवार को सचिवालय में विभागीय समीक्षा बैठक में इस संबंध में निर्देश दिए।
कैबिनेट मंत्री डा रावत ने राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) से राज्य के दूरदराज एवं संवेदनशील क्षेत्रों के गांवों में आवंटित सेटेलाइट फोन का सही उपयोग न होने पर नाराजगी जताई। उन्होंने निर्देश दिए कि इस संबंध में स्थानीय ग्रामीणों को प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने महिला एवं युवक मंगल दलों के लिए जिला स्तर पर जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन पर भी बल दिया। इनमें जिलों के प्रभारी मंत्री बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहेंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगामी वित्तीय वर्ष में एसडीआरएफ का बजट पांच गुना बढ़ाते हुए दो सौ करोड़ रुपये रखा जाए। साथ ही राज्य सरकार के पीएलए में बीते वित्तीय वर्ष के बजट में शेष 186 करोड़ की राशि की अनुपूरक मांग का प्रस्ताव विधानसभा के आगामी सत्र में रखने के निर्देश भी दिए।
विभागीय सचिव एसए मुरुगेशन ने बताया कि गैरसैंण में आपदा प्रबंधन एवं शोध संस्थान की स्थापना के लिए प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है। इस पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अवगत कराया है कि 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के उपरांत मदों व मापदंडों के पुनर्निधारण के बाद इस प्रस्ताव पर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि एसडीआरएफ के तहत सभी जिला व तहसील मुख्यालयों के लिए 123 कैंपर वाहन खरीदने की स्वीकृति के साथ ही राजस्व परिषद को 9.81 करोड़ की राशि जारी कर दी गई है। बैठक में यह भी बताया गया कि पंचायत प्रतिनिधियों, युवक व महिला मंगल दलों, ग्राम व वन प्रहरियों, टैक्सी चालकों, पोर्टर आदि को आपदा जोखिम न्यूनीकरण, खोज एवं बचाव और प्राथमिक चिकित्सा संबंधी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 25-25 सदस्यों के दल को पांच-पांच दिन का यह प्रशिक्षण उत्तराखंड प्रशासनिक अकादमी नैनीताल में दिया जा रहा है।