उत्तराखंड में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य को एक कार्यक्रम के दौरान काले झंडे दिखाकर किसानों ने किया विरोध प्रदर्शन

काशीपुर : केंद्र सरकार के द्वारा पारित किए गए कृषि कानूनों का विरोध देशभर के किसानों वके द्वारा पिछले काफी समय से लगातार जारी है। भारतीय किसान यूनियन ने मंगलवार को क्षेत्र में पहुंचे प्रदेश के कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य का काले झंडे दिखाकर विरोध किया।

प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री और बाजपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक यशपाल आर्य मंगलवार को अपने विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न विकास की योजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास के लिए पहुंचे थे। इस दौरान कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य दभौरा टांडा से जब बरखेड़ी में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे उसके पहले ही भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा के प्रदेश अध्यक्ष अवतार सिंह के नेतृत्व में क्षेत्रभर के दर्जनों किसान कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गए। इस दौरान किसानों ने अपने हाथों में काले झंडे आदि लिए हुए थे।

सूचना मिलने पर मौके पर काफी मात्रा में पुलिस फोर्स बुला ली गई थी। जैसा ही कार्यक्रम संपन्न करके कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य का काफिला अगले कार्यक्रम स्थल की तरफ रवाना हुआ दर्जनों की संख्या में मौजूद किसानों ने कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य को स्थानीय पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में काले झंडे दिखाए। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राह के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष अवतार सिंह ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व की कॉल है कि क्षेत्र में जो भी बीजेपी का मंत्री आये तो उसका काले झंडे दिखाकर विरोध करना है।

उन्होंने कहा कि विरोध इसीलिए करना है कि इस सरकार ने गैरकानूनी तरीके से किसानों के खिलाफ कानून पास किया है। उन्होंने कहा कि आज हमारे गांव में यशपाल आर्य नाम का मंत्री आया है जिसका हम पूरी तरीके से विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि हम कार्यक्रम स्थल तक जाना चाहते थे लेकिन भारत की फोर्स को उन्होंने अंग्रेजों की फोर्स बना कर रख दिया है जो कि हमें कार्यक्रम स्थल तक जाने नहीं दे रही है।

वहीं जब इस पूरे मामले में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम किसानों के खिलाफ नहीं हैं। किसान अन्नदाता है वो मेहनत करके हमारी भूख मिटाता है, इसीलिए हम किसानों के खिलाफ कैसे जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हर समस्या का समाधान मिल बैठकर ही होता है, हम हमेशा बात करने के लिए तैयार हैं। किसान विरोध के स्थान पर बातचीत का रास्ता निकालें तभी समाधान हो सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *