काबुल, तालिबान शासन ने अफगानिस्तान को भारत-विरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल किए जाने की भारत की चिंता को आखिरकार सही साबित कर दिया है। खूंखार आतंकी संगठन ने सरकार गठन से पहले ही कहा कि उसे कश्मीर में मुसलमानों के अधिकार के लिए आवाज उठाने का पूरा अधिकार है। उसने पूरे विश्व के मुसलमानों के मुद्दों को उठाने की बात कही है। उसने खुलेआम चीन को अपना मुख्य साझीदार बताते हुए कहा कि बीजिंग विश्व के बाजार में प्रवेश करने के लिए उसका टिकट बनेगा। साथ ही सिल्क रोड की भी खुलकर हिमायत की है।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने शुक्रवार को कहा है कि उनके संगठन को कश्मीर सहित कहीं भी मुसलमानों के लिए आवाज उठाने का अधिकार है। जबकि बीबीसी उर्दू के साथ जूम इंटरव्यू में शाहीन ने यह भी कहा कि तालिबान की किसी देश के खिलाफ हथियार उठाने की नीति नहीं है।
शाहीन ने कहा, ‘मुसलमान होने के नाते, हमें कश्मीर या किसी अन्य देश में मुसलमानों के लिए अपनी आवाज उठाने का अधिकार है। हम अपनी आवाज उठाएंगे और कहेंगे कि मुसलमान आपके अपने लोग हैं। आपके अपने नागरिक हैं। वे आपके कानूनों के तहत समान अधिकारों के हकदार हैं। ‘विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा था कि भारत का तत्काल जोर यह सुनिश्चित करने पर है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल उसके खिलाफ आतंकी गतिविधियों के लिए नहीं किया जाए।
विदेश मंत्रालय ने कहा था कि कतर में भारतीय दूत दीपक मित्तल ने तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख शेर मुहम्मद अब्बास स्टेनकजई से तालिबान के अनुरोध पर दोहा में मुलाकात की थी। दरअसल, तालिबान के नियंत्रण वाले अफगानिस्तान से लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद सहित विभिन्न आतंकी संगठनों की गतिविधियों में वृद्धि की आशंका को लेकर भारत में चिंताएं बढ़ रही है।
हक्कानी नेटवर्क पर प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा कोई संगठन है ही नहीं। वह लोग अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात का हिस्सा हैं। क्या अमेरिका ने तालिबान की सहमति से ड्रोन हमला किया था? इस सवाल के जवाब में शाहीन ने कहा था कि तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार 31 अगस्त के बाद अफगानिस्तान में इस तरह के किसी भी हमले को रोक देगी। इससे पहले 19 अगस्त को शाहीन ने चीन के सीजीटीएन टेलीविजन को दिए इंटरव्यू में कहा था कि चीन भविष्य में अफगानिस्तान के विकास में योगदान दे सकता है।
आइएएनएस के अनुसार तालिबान शासन के आधिकारिक प्रवक्ता जबिबुल्लाह मुजाहिद ने बताया कि चीन उसका मुख्य साझीदार है। चीन सरकार हमारे देश में निवेश करने और पुनर्निर्माण करने के लिए तैयार है। मुजाहिद ने कहा कि हमारे पास तांबे की समृद्ध खदानें हैं। इसके लिए वह चीन के आभारी हैं। चीन को लेकर मुजाहिदीन ने कहा कि चीन उनका सबसे प्रमुख साझीदार है। वह विश्व के बाजार के लिए उनका टिकट है। तालिबान ने सिल्क रूट यानी वन रोड वन बेल्ट प्रोजेक्ट की भी सराहना करते हुए कहा कि वह चीन के इस प्रोजेक्ट की पूरी देखरेख करेंगे। वह रूस के साथ भी संबंधों को प्रगाढ़ करेंगे।