लखनऊ उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में युवाओं को रोजगार की सबसे बड़ी सौगात देने की तैयारी कर रही है। सरकार का लक्ष्य युवाओं को पांच साल के भीतर इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में चार लाख से अधिक रोजगार सृजित करने का है। योजना के तहत पांच वर्षों में 40,000 करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य तय किया गया है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार अब तक कुल 1000 करोड़ रुपये का निवेश इस सेक्टर में आ चुका है।
भविष्य में इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र रोजगार का सबसे बड़ा केंद्र बनने जा रहा है। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने तैयारी तेज कर दी है। उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग नीति 2020 के तहत निवेश के प्रस्ताव मिलने के साथ ही सरकार ने व्यापार और रोजगार का नया खाका खींचना शुरू कर दिया है। नई नीति के तहत कोविड 19 को देखते हुए चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों का प्रदेश में ही निर्माण के लिए लखनऊ, उन्नाव, कानपुर जोन में मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर की स्थापना की योजना तैयार की गई है।
नोएडा में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना आइसीइए और केंद्र सरकार के इलेक्ट्रानिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से स्थापित की जाएगी जो अनुसंधान एवं विकास केंद्र के रूप में कार्य करेगा। इसके साथ ही यमुना एक्सप्रेस-वे में जेवर एयरपोर्ट के पास एक इलेक्ट्रानिक सिटी की स्थापना, बुंदेलखंड में रक्षा इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग नीति 2017 के तहत पांच वर्षों में इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में 20000 करोड़ के निवेश और वर्ष 2022 तक कम से कम तीन लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य राज्य सरकार ने सिर्फ तीन साल में पूरा कर लिया। सरकार अगले पांच वर्षों में चार लाख युवाओं को रोजगार देने के लिए नई इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग नीति पर काम कर रही है।