नई दिल्ली, जूनियर बेसिक ट्रेनिंग घोटाला मामले में 10 साल की सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला शुक्रवार सुबह तिहाड़ जेल से रिहा हो गए। उनकी सजा तो पिछले सप्ताह ही पूरी हो गई थी, अब जाकर उनकी औपचारिक रिहाई हुई है। पिछले कुछ दिनों से ओम प्रकाश चौटाला के वकील रिहाई के लिए जरूरी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने में जुटे थे। शुक्रवार को तिहाड़ जेल में कागजी औपचारिकताएं पूरा करने के बाद ओम प्रकाश चौटाला रिहा हो गए। बताया जा रहा है कि वह सड़क मार्ग से गुरुग्राम जा रहे हैं, इस दौरान हरियाणा-दिल्ली के बॉर्डर पर कार्यकर्ता उनका स्वागत करेंगे।
गौरतलब है कि इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश चौटाला जेबीटी भर्ती घोटाले में सजा के दौरान कोरोना महामारी के कारण पिछले कुछ महीने से जेल से बाहर थे। इस दौरान उनकी सजा 23 जून को ही पूरी हो गई थी। बताया जा रहा है कि ओमप्रकाश चौटाला तिहाड़ जेल में कागजी कार्रवाई पूरी करने के लिए शुक्रवार की सुबह साढ़े नौ बजे पहुंचे। वे रिहाई के फार्म पर हस्ताक्षर करने के बाद सुबह 10.00 बजे के बाद तिहाड़ जेल से गुरुग्राम स्थित अपने आवास के लिए रवाना हुए। कहा जा रहा है कि दिल्ली-हरियाणा बार्डर पर इनेलो के कार्यकर्ता उनका स्वागत करेंगे। यहां पूरे हरियाणा से बड़ी संख्या में इनेलो के कार्यकर्ताओं के पहुंचने की संभावना है।
बता दें कि दिल्ली सरकार की तरफ से मिली छह माह की विशेष छूट के मद्देनजर पूर्व सीएम की दस साल की सजा पूरी हो चुकी है। ओम प्रकाश चौटाला फिलहाल पैरोल पर जेल से बाहर थे। दरअसल, एक सड़क दुर्घटना में पिछले दिनों उनके हाथ में फ्रैक्चर आ गया था। इसके चलते उनका इलाज गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में चल रहा था। पूर्व सीएम को रिहाई की औपचारिकताएं पूरी करने के लिए शुक्रवार को तिहाड़ जेल आना पड़ा। वकील बता रहे हैं कि इस प्रक्रिया में एक घंटे से भी कम समय लगा। इससे पहले इसके लिए उनका इलाज कर रहे डाक्टर से स्वास्थ्य प्रमाणपत्र जमा करना पड़ा।
जागरण संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक, कागजी कार्रवाई के लिए ओम प्रकाश चौटाला अपने वकीलों के साथ शुक्रवार को तिहाड़ जेल संख्या 2 पहुंचे। यहांपर करीब आधे घंटे की कागजी कार्रवाई के बाद जेबीटी घोटाला में उनकी 10 साल की सजा विधिवत पूरी हो गई।
यह है पूरा मामला
रोहिणी स्थित सीबीआई की विशेष कोर्ट ने फरवरी 2013 में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और उनके विधायक बेटे अजय चौटाला एवं तीन अन्य सरकारी अधिकारियों को राज्य में तीन हजार से अधिक शिक्षकों की अवैध रूप से भर्ती करने के आरोप में 10 साल की सजा सुनाई थी।