देहरादून: कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए सरकार युद्धस्तर पर तैयारियां कर रही है। उच्च न्यायालय भी इसे लेकर सख्त रूख दिखा चुका है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि जरूरत पड़ी तो मुख्यमंत्री आवास को भी कोविड सेंटर में तब्दील किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोरोना के बुरे दौर को बेहतर तरीके से संभाला है।
गुरुवार को आइटी पार्क स्थित एसटीपीआइ बिल्डिंग में वरिष्ठ नागरिकों के लिए हेल्पलाइन ‘एल्डरलाइन-14567Ó का शुभारंभ करने के बाद मुख्यमंत्री मीडिया से बातचीत कर रहे थे। कहा कि कोरोना की दूसरी लहर की कल्पना भी नहीं की गई थी, उन्होंने स्वयं इसे नजदीक से देखा है। मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद उनका पूरा फोकस महामारी के खिलाफ संसाधन बढ़ाने पर रहा। इस दौरान प्रदेश में कोविड अस्पताल, आक्सीजन बेड, आक्सीजन प्लांट समेत तमाम संसाधनों की संख्या में तेजी से इजाफा किया। चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ को सेल्यूट करते हुए उन्होंने कहा कि सभी फ्रंटलाइन वर्कर ने जिस प्रकार स्थिति को संभाला वह तारीफ के काबिल है।
तीसरी लहर की आशंका को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार और पूरा सिस्टम आने वाली चुनौती के लिए पूरी तरह तैयार है। एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता दरबार आयोजित करने पर काफी समय से विचार किया जा रहा है, लेकिन कोरोना के चरम पर होने के चलते इसे शुरू नहीं किया जा सका। अब जल्द ही जनता दरबार का आयोजन किया जाएगा।
कांग्रेस का काम महज धरना-प्रदर्शन
कोरोना महामारी से निपटने में सरकार के असफल होने के कांग्रेस के आरोप पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस का काम केवल धरना-प्रदर्शन करना है। जबकि, भाजपा ने जन-जन की मदद कर मिसाल कायम की। कोरोनाकाल में कांग्रेस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा, वह बताएं कि उन्होंने कोविड में क्या किया। कांग्रेस किसी की मदद को आगे नहीं आई। दिल्ली की सरकार ने भी हाथ खड़े कर दिए थे। गृह मंत्री अमित शाह ने मोर्चा संभाला, तब जाकर जनता को बेहतर इलाज मिला।