देहरादून। पर्यटन एवं सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने सोमवार को जिलाधिकारियों से दूरभाष पर वार्ता कर बाढ़ सुरक्षा उपायों के साथ ही बाढ़ संभावित क्षेत्रों की जानकारी ली। उन्होंने पिथौरागढ़ की धारचूला घाटी में फंसे व्यक्तियों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और चमोली के रैणी गांव के निवासियों की सुरक्षा को सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।
कैबिनेट मंत्री महाराज ने चमोली की डीएम से बात कर रैणी गांव की स्थिति की जानकारी लेने के साथ ही निर्देश दिए कि स्थानीय निवासियों को जरूरत की सभी वस्तुएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। बताया गया कि रैणी गांव के लगभग 54 परिवारों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया है। वहां गौरा देवी की प्रतिमा भी सुरक्षित स्थान पर रखी गई है। गांव में अनाज की कोई कमी नहीं है। रैणी गांव में सड़क धंस गई है, मगर कनेक्टिविटी बनाए रखने को प्रयास जारी हैं। इसके साथ ही नीति घाटी का जोशीमठ से संपर्क बना रहे, इसके प्रयास किए जा रहे हैं।
महाराज ने बताया कि एसडीआरएफ और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि व्यवस्था चाक-चौबंद हो। जनता की सुरक्षा जरूरी है। नदियों की निंरतर मानीटरिंग होनी चाहिए, ताकि जनता को जल स्तर से संबंधित सूचनाएं पूर्व में दी जा सकें। महाराज ने काली नदी के तेज बहाव से उत्पन्न खतरे को देखते हुए पिथौरागढ़ के डीएम को सभी एहतियाती उपायों के निर्देश दिए।
डीएम ने उन्हें बताया कि एनएचपीसी तपोवन के समीप नेपाल सीमा में कुछ निर्माण कार्य हो रहे हैं। इसके चलते काली नदी का बहाव एनएचपीसी परिसर तपोवन की ओर मुडऩे से कुछ कटाव हुआ है। सिंचाई विभाग के जरिये इसकी रोकथाम की जा रही है। महाराज ने कहा कि नेपाल की ओर से आ रही दिक्कत के समाधान को प्रयास किए जा रहे हैं।