हनुमानगढ़ी के सामने ब्लैक कैट कमांडो ने संभाली सुरक्षा व्‍यवस्‍था

रामनगरी अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच अगस्त को करेंगे। इस कार्यक्रम को लेकर देश के साथ विदेश में भी असीम उल्लास का माहौल है।

देश तथा प्रदेश में आज तथा कल दीपावली जैसा माहौल रहेगा। मंगलवार की शाम से ही प्रदेश जगमग हो जाएगा और कल रात तक रहेगा। इस कारण अब राम नगरी में भी कौतुहल चरम पर है। रामजन्मभूमि पर राममंदिर के लिए भूमिपूजन तो बुधवार को होगा, लेकिन यह खुशी अयोध्या के साथ-साथ देशभर में मंगलवार से छा गई है।

ब्लैक कैट कमांडो ने संभाली सुरक्षा व्‍यवस्‍था 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को रामनगरी पहुंचेंगे। उनके साथ कई महत्‍वपूर्ण हस्‍त‍ियों का भी जमावड़ा अयोध्‍या में शुरू हो गया है। इसे देखते हुए प्रशासन कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाहता है। मंगलवार को हनुमानगढ़ी के सामने ब्लैक कैट कमांडो ने मोर्चा संभाला ल‍िया है। वहीं अध‍िकार‍ियों ने पीएम नरेंद्र मोदी के कल आगमन के मद्देनजर रिहर्सल भी क‍ि‍या। प्रधानमंत्री की सुरक्षा ड्यटी में तैनात मजिस्ट्रेटों को ड्रेस कोड का भी अनुपालन करना होगा। जिला मजिस्ट्रेट अनुज कुमार झा की तरफ से मजिस्ट्रेटों की लगाई गई ड्यूटी में ड्रेस कोड का उल्लेख किया गया है। पीएम के नियत कार्यक्रम से तीन घंटे पहले मजिस्ट्रेट को अपने ड्यूटी प्वाइंट पर पहुंचना होगा। पीएम की ड्यूटी में तैनात मजिस्ट्रेट काले रंग का बंद गले का कोट, सफेद शर्ट व काले पैंट में होंगे। पीएम कार्यक्रम का यही ड्रेस कोड है। पीएम कार्यक्रम के 26 ड्यूटी प्वाइंट बनाए गए हैं। करीब 40 मजिस्ट्रेट ड्यूटी करेंगे।

हनुमानगढ़ी में ही हनुमान निशान की विशेष पूजा 

अयोध्या में श्रीराम मंदिर जन्मभूमि पर भूमि पूजन की तैयारियों तथा पूजा के कार्यक्रम में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण काफी बदलाव किया गया है। इसी क्रम में श्रीरामजन्मभूमि मंदिर में हनुमानगढ़ी से जो हनुमान निशान जाना था, अब वो नहीं जाएगा। हनुमानगढ़ी में ही उसकी विशेष पूजा की गई है। अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर में एक विशेष ‘हनुमान निशान’ है जो करीब सात सौ वर्ष पुराना बताया जाता है। यह चार मीटर चौड़ा और आठ मीटर लंबा ध्वज है। इसके साथ ही एक गदा और एक त्रिशूल है, जिसे करीब 20 लोग हनुमानगढ़ी से रामजन्मभूमि स्थल पर ले जाते हैं। कोरोना वायरस संकट के कारण इसको टाला गया है। इसी कारण विश्व हिन्दू परिषद से जुड़े लोगों के साथ हनुमानगढ़ी मंदिर में पुजारियों ने हनुमान निशान की विशेष पूजा की। पहले सुबह नौ बजे इस निशान को रामजन्मभूमि ले जाना था। इस मौके पर संतोंं और राम भक्तों का उत्साह चरम पर दिखा। कोई भगवा लहरा रहा था तो कोई हनुमान जी का वेश धारण कर आनंद मग्न था।

परंपरा के मुताबिक, हर पूजा से पहले हनुमान निशान राम जन्मभूमि स्थल में जाता है। कोई शुभ कार्य होता है, तो हनुमान निशान की पूजा पहले की जाती है। वहां से ही निशान को ले जाया जाता है, ऐसा ही भूमि पूजन के लिए होना था। हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी राजू दास का कहना है कि हनुमानगढ़ी का निशान भूमि पूजन के दौरान नहीं ले जाया जाएगा। पहले जाने का कार्यक्रम था लेकिन विश्व हिंदू परिषद और सब लोगों ने मिलकर यह फैसला किया है और इसकी पूजा आज हनुमानगढ़ी में की गई है।

नाका हनुमानगढ़ी को देसी घी के दीपों से सज्जित करने की तैयारी है, तो एक आध्यात्मिक संस्था की ओर से अयोध्या के सभी शिवालयों और सरयू तट को देसी घी के दीपों से आच्छादित करने की तैयारी की गई है।वहीं श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने लोगों से भूमिपूजन के अवसर पर चार व पांच अगस्त को पूजन, अनुष्ठान और शाम को दीपोत्सव का आह्वान किया है। इस आह्वान को अयोध्या ने शिद्दत से शिरोधार्य किया है। न केवल ट्रस्ट एवं संघ परिवार सहित भाजपा व उसके अन्य सहयोगी संगठनों की ओर से दीपोत्सव को सफल बनाने के लिए लोगों तक आवश्यक संसाधन भी मुहैया कराए जा रहे हैं, बल्कि रामनगरी के साधु-संत भी अपने स्तर से दीपोत्सव मनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

आज होगी रामार्चा पूजन और कथा

प्रधानमंत्री बुधवार को मध्याह्न राम मंदिर की आधार शिला रखेंगे, तब तक भूमिपूजन का अनुष्ठान निरंतर चलता रहेगा। मंत्र जाप और ग्रंथों के पाठ के बीच मंगलवार को रामार्चा पूजन और रामार्चा कथा संयोजित है। रामार्चा पूजन और कथा का दायित्व रामनगरी के ही प्रतिष्ठित रामकुंज मंदिर के महंत रामानंददास संभालेंगे।

राम जन्मभूमि पर भव्य-दिव्य मंदिर निर्माण के लिए पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुरूप भूमि पूजन का तीन दिवसीय अनुष्ठान सोमवार सुबह नौ बजे से शुरू हो गया है। इस अनुष्ठान की पूर्णाहुति पांच अगस्त (बुधवार) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि एवं शिलापूजन के साथ मंदिर की आधारशिला रखकर करेंगे। अनुष्ठान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए। अनुष्ठान के शुभारंभ के मौके पर दिल्ली के आचार्य चंद्रभानु, अयोध्या के ही आचार्य इंद्रदेव एवं प्रयाग के आचार्य पंकज जैसे पारंगत वेदज्ञों के साथ 21 वैदिक आचार्यों ने पूजन किया। दिव्य मंत्रोच्चार से भव्य मंदिर के निर्माण के लिए प्रस्तावित पांच एकड़ का संपूर्ण परिसर गूंज उठा।

 

वास्तु देवता को केंद्र में रख कर निवेदित मंगलाचरण और जौ, अक्षत, पान-सुपारी, तिल, पुष्प, रोली आदि से षोडशोपचार पूजन के मंत्रोच्चार के साथ विधिवत कर्मकांड का क्रम घंटों तक चला। इस मौके पर यजमान के रूप में दिल्ली निवासी कारोबारी महेश भाग्यचंद्र सपत्नीक मौजूद रहे। उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए एक करोड़ 10 लाख रुपये दानस्वरूप ट्रस्ट को प्रदान किये हैं। पहले दिन के पूजन में विहिप के अंतरराष्ट्रीय संगठन मंत्री दिनेशचंद्र एवं श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य तथा अयोध्या राजपरिवार के मुखिया बिमलेंद्रमोहन मिश्र भी शामिल हुए। गौरी-गणेश, भूमि-वास्तु, और पंचांग देवता के पूजन का क्रम कुछ देर में तो थमा, पर भगवान राम सहित गौरी-गणेश, भूमि-वास्तु आदि के मंत्र जाप एवं वाल्मीकि रामायण, रामचरितमानस एवं गीता का अनवरत पारायण आगे बढ़ता गया।

सरयू की नित्य महाआरती करने वाली संस्था आंजनेय सेवा संस्थान की ओर से विशेष तैयारी की गई है। भूमि पूजन के अवसर पर मंगलवार व बुधवार को संस्थान की ओर से 21 सौ दीपों की महाआरती की जाएगी। कई मंदिरों में सोमवार से ही भूमि पूजन को लेकर दीपोत्सव का उल्लास छलका। तपस्वी जी की छावनी में महंत परमहंस दास के संयोजन में 51 सौ दीप जले तो रानोपाली स्थित उदासीन ऋषि आश्रम में सप्ताहभर से दीप जलाकर मंदिर निर्माण की शुरुआत का उल्लास व्यक्त किया जा रहा है। अब मंगलवार को यह उल्लास पूरे शहर में दिखेगा और बुधवार इस उत्सव का चरम होगा।

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