देहरादून। देवभूमि में ‘मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट’ योजना अस्तित्व में आ गई है। इसके क्रियान्वयन के आदेश जारी कर दिए गए हैं। कैबिनेट ने दो सप्ताह पहले इस योजना को मंजूरी दी थी। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य के मुताबिक योजना के तहत प्रसवोपरांत महिला को प्रथम दो बालिकाओं के जन्म पर एक-एक किट दी जाएंगी। प्रथम चरण में 50 हजार महिलाओं को महालक्ष्मी किट से लाभान्वित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के साथ ही मातृ एवं बालिका मृत्यु दर में कमी लाना भी योजना का मकसद है।
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान को राज्य में गति देने के उद्देश्य से तीरथ सरकार अब राज्य में बेटियों के जन्म लेने पर उन्हें महालक्ष्मी सुरक्षा कवच देने जा रही है। बीती नौ अप्रैल को हुई कैबिनेट की बैठक में ‘मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट’ योजना को मंजूरी दी गई थी। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य ने बताया कि आर्थिक कारणों और जानकारी के अभाव में गर्भवती महिलाएं प्रसव के समय अपनी व शिशु की देखभाल और स्वच्छता का ध्यान नहीं रख पाती थीं। इस समस्या के समाधान के लिए मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना शुरू की जा रही है।
राज्यमंत्री आर्य के अनुसार योजना में प्रथम दो बालिकाओं के जन्म पर मां-बेटी को एक-एक किट और जुड़वा बच्चियों के पैदा होने पर महिला को एक और बच्चियों के लिए दो किट दी जाएंगी। साढ़े तीन हजार रुपये मूल्य की किट में माता के लिए बादाम, छुआरा, साड़ी, सूट, स्कार्फ, बेडशीट, हैंडवाश, साबुन, मौजे, नेलकटर आदि सामग्री दी जाएगी। बेटी के लिए सूती कपड़े, तौलिया, कंबल, रबरशीट, तेल, साबुन आदि सामग्री दी जाएगी।
विभागीय मंत्री ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से योजना क्रियान्वित की जाएगी। इसके लिए लाभार्थी महिला को आंगनबाड़ी केंद्र में पंजीकरण कराना आवश्यक है। बेटी के जन्म लेने पर प्रस्तुत आवेदन पत्र पर माहभर के भीतर किट मुहैया कराई जाएगी। बेटी के जन्म लेने पर अस्पताल में भी किट प्रदान की जा सकती है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत महिलाओं को स्तनपान के महत्व, स्वच्छता की जानकारी भी दी जाएगी। साथ ही सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में भी बताया जाएगा।