विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि विधानसभा के 23 सितंबर से प्रारंभ होने वाले मानसून सत्र में प्रश्नकाल स्थगित करने पर फिलहाल कोई विचार नहीं किया जा रहा है। हालांकि, ऐसी राय आई है कि संसद के मानसून सत्र की तरह यहां प्रश्नकाल स्थगित रखा जाए, लेकिन सत्र तीन दिन का है और अब तक एक हजार से ज्यादा प्रश्न विधायक लगा चुके हैं। ऐसे में प्रश्नकाल स्थगित किए जाने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि विधानसभा की कार्यमंत्रणा समिति इस बारे में कोई निर्णय लेती है तो उस पर विचार किया जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष अग्रवाल ने कहा कि कोरोनाकाल में सुरक्षित शारीरिक दूरी के मानकों के अनुपालन के मद्देनजर सभामंडप के विस्तार पर विचार चल रहा है। इसके तहत दर्शक व पत्रकार दीर्घा तक विधायकों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी। राज्यपाल दीर्घा को रिजर्व में रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि सत्र में भाग लेने वाले प्रत्येक विधायक का एंटीजन टेस्ट तो होगा ही, विधायकों के प्रवेश से लेकर उनके बैठने के स्थान तक जगह-जगह सैनिटाइजर की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि सत्र की कार्यवाही में ज्यादा से ज्यादा संख्या में विधायक वर्चुअल आधार पर हिस्सा लें, इसे लेकर कसरत चल रही है।
अन्य राज्यों की ले रहे जानकारी
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में उत्तर प्रदेश समेत अन्य कई राज्यों में भी विधानसभा सत्र हुए हैं। वहां किस तरह से व्यवस्थाएं की गई, इसकी जानकारी ली जा रही है। उन्होंने कहा कि सबकी राय लेकर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएंगी।
सीमित रहेगा कार्यवाही का समय
कोरोना संकट को देखते हुए मानसून सत्र में विधानसभा की कार्यवाही देर शाम अथवा रात तक नहीं चलेगी। विस अध्यक्ष के अनुसार सत्र के दौरान समय सीमित रखा जाए, इस पर विचार चल रहा है। इसके अलावा बाहर से आने वालों को सत्र के दौरान विस में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।