देहरादून। चारधाम यात्रा शुरू करने की मांग को लेकर कांग्रेस ने विधानसभा के बाहर विरोध प्रर्दशन किया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के नेतृत्व में महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस, सेवादल, एनएसयूआइ, महानगर कांग्रेस के कार्यकर्त्ताओं ने धरना दिया। महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य ने कहा कि चारधाम यात्रा बंद रहने से प्रदेश के लाखों युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। जब सरकार की रैलियों पर प्रतिबंध नहीं है तो फिर चारधाम यात्रा रोकने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा हरिद्वार, ऋषिकेश, टिहरी, रुद्रप्रयाग व चमोली जिले की आर्थिकी को सीधा प्रभावित करती है। सरकार जल्द से जल्द चारधाम यात्रा शुरू करे ताकि इससे जुड़े होटल, ढाबा, हस्तशिल्प, कुटीर, घोड़ा, दंडी वालों पंडित-पुजारियों को राहत मिल सके।
प्रदेश की चारधाम यात्रा तत्काल शुरू करने की मांग को लेकर विधानसभा के समक्ष एक दिवसीय धरने को संबोधित करते हुए उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष व कांग्रेस मैनिफेस्टो कमेटी के संयोजक सूर्यकांत धस्माना ने राज्य की भाजपा सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की लाइफ लाइन माने जाने वाली चार धाम यात्रा बीजेपी सरकार की लापरवाही से शुरू नहीं हो पाई। उन्होंने कहा कि कोविड 19 की दूसरी लहर धीमी पड़ने के साथ ही राज्य सरकार का दायित्व था कि वो यात्रा को शुरू करने के लिए स्क्रीनिंग, टैस्टिंग, वैक्सिनेशन व यात्रा रूट पर अस्थायी आइसीयू युक्त अस्पताल दवाओं व डाक्टरों का समुचित प्रबंध करती व उच्च न्यायालय नैनीताल को अपनी तैयारियां का ब्यौरा दे कर संतुष्ट करती।
धस्माना ने कहा कि राज्य सरकार ने जानबूझ कर ऐसा नहीं किया। जिसके कारण माननीय न्यायालय को हतक्षेप कर यात्रा को रोकना पड़ा और सरकार जुलाई से लेकर अब तक भी न तो यात्रा की तैयारियों का ब्यौरा कोर्ट को दे सकी और कोर्ट का बहाना बना कर यात्रा को टालती रही, जिसके कारण आज पूरी यात्रा रुट के पांच लाख परिवार आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं। धस्माना ने कहा कि यात्रा से संबंधित पंडित पुरोहित धर्मशालाओं, होटलों, परिवहन व्यवसायियों से लेकर सब्ज़ी, दूध, प्रसाद व अन्य व्यवसायों से जुड़े लोग आज भुखमरी की कागार पर खड़े हैं, लेकिन सरकार को इसकी फिक्र नहीं है। धस्माना ने कहा कि अब यात्रा के दो महीने रह गए हैं और अगर अब भी यात्रा शुरू नहीं हुई तो ये लोग बर्बाद हो जाएंगे।