लाल किले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब तिरंगा लहराएंगे तो राजनीतिक इतिहास का एक दिलचस्प रिकार्ड भी बनाएंगे

 देश की लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के प्रतीक लाल किले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त 2020 को जब तिरंगा लहराएंगे तो राजनीतिक इतिहास का एक दिलचस्प रिकार्ड भी बनाएंगे। मोदी लगातार सातवीं बार तिरंगा लहराएंगे और इसी के साथ सबसे अधिक बार यह सौभाग्य हासिल करने वाले प्रधानमंत्रियों की सूची में वे चौथे नंबर पर पहुंच जाएंगे। लाल किले पर सबसे अधिक बार तिरंगा लहराने का रिकार्ड पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के नाम है। इंदिरा गांधी इस उपलब्धि में दूसरे नंबर पर तोड़ा मनमोहन सिंह तीसरे नंबर हैं।

दो ऐसे प्रधानमंत्री भी हुए जिन्हें लाल किले पर तिरंगा लहराने का मौका ही नहीं मिला

आजादी के बाद से अब तक स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगा लहराने वाले प्रधानमंत्रियों की दिलचस्प दास्तान में पीएम बने तमाम नेताओं को कम या अधिक यह सौभाग्य हासिल हुआ है। लेकिन चंद्रशेखर और गुलजारी लाल नंदा दो ऐसे प्रधानमंत्री भी हुए जिन्हें लाल किले पर तिरंगा लहराने का मौका ही नहीं मिल पाया। नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को जब सातवीं बार तिरंगा लहराएंगे तो वे अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री के रुप में छह बार लाल किले पर तिरंगा फहराने के रिकार्ड को पीछे छोड़ देंगे।

पंडित नेहरू ने 17 बार लगातार लाल किले पर तिरंगा लहराया

मई 2014 में सत्ता संभालने वाले मोदी जब 2024 में अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने तक 10 बार लाल किले पर तिरंगा लहराने का सौभाग्य हासिल कर मनमोहन सिंह के साथ संयुक्त रुप से तीसरे नंबर पर आ जाएंगे। 15 अगस्त 1947 को लालकिले पर तिरंगा लहराते हुए भारत की आजादी का जयघोष करने वाले पंडित नेहरू ने 17 बार लगातार लाल किले पर तिरंगा लहराया। पंडित नेहरू के निधन के बाद गुलजारी लाल नंदा केवल 14 दिन प्रधानमंत्री रहे और उनके सामने ऐसा मौका आया ही नहीं।

असमय निधन के कारण लाल बहादुर शास्त्री को जून 1964 से जुलाई 1966 के बीच लालकिले पर तिरंगा लहराने का दो बार ही अवसर मिल पाया। शास्त्री के निधन के बाद गुलजारी लाल नंदा प्रधानमंत्री के तौर पर 15 दिनों का दुबारा मौका मिला लेकिन तिरंगा लहराने का सौभाग्य उनसे रुठा ही रहा।

इंदिरा गांधी लगातार 11 बार लालकिले पर तिरंगा लहराया

देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं इंदिरा गांधी ने जनवरी 1966 से मार्च 1977 तक लगातार 11 बार लालकिले पर तिरंगा लहराया। आपातकाल के बाद हुए चुनाव में सत्ता से बाहर हुईं इंदिरा गांधी राजनीतिक वापसी करते हुए जनवरी 1980 में फिर से प्रधानमंत्री बनीं और 31 अक्टूबर 1984 को अपनी हत्या तक देश की शीर्ष कार्यपालिका के पद पर रहीं। इस दौरान इंदिरा गांधी ने पांच बार तिरंगा लहराया और अपने पिता पंडित नेहरू के बाद लालकिले पर दूसरे सबसे अधिक 16 बार तिरंगा लहराया। राजीव गांधी को भी 1984 से 1989 के बीच बतौर प्रधानमंत्री पांच बार लाल किले पर तिरंगा लहराने का सौभाग्य मिला।

राजीव गांधी और नरसिम्हा राव का सूची में संयुक्त स्थान

लालकिले पर तिरंगा लहराने के इस रोचक इतिहास में नया मोड़ आया दिसंबर 1989 में आया जब विश्वनाथ प्रताप सिंह दूसरी गैर कांग्रेसी सरकार के प्रधानमंत्री बने। लेकिन नवंबर 1990 में उनकी सरकार का पतन हो गया और केवल एक बार ही वे लालकिले पर तिरंगा लहरा सके। कांग्रेस के समर्थन से प्रधानमंत्री बने चंद्रशेखर जून 1991 तक सात महीने पद पर रहे मगर तिरंगा लहराने के सौभाग्य से वे दूर रह गए। जून 1991 से मई 1996 तक प्रधानमंत्री रहे नरसिंह राव ने पांच बार लालकिले पर तिरंगा लहराया। राजीव गांधी और राव इस सूची में संयुक्त रुप से छठे नंबर पर हैं।

अटल बिहारी वाजपेयी ने लगातार 6 बार लालकिले पर लहराया तिरंगा

1996 के चुनाव के बाद अटल बिहारी वाजपेयी 13 दिन के लिए पीएम जरूर बने पर तिरंगा लहराने का मौका पहली बार मार्च 1998 में हुए चुनाव के बाद बनी 13 महीने की सरकार के दौरान मिला। इसके बाद 1999 के चुनाव में भी उनकी वापसी हुई। इस तरह मार्च 1998 से मई 2004 के बीच वाजपेयी ने लगातार छह बार तिरंगा लहराया और सबसे ज्यादा बार तिरंगा लहराने वाले प्रधानमंत्रियों में वे पांचवे नंबर पर हैं। इससे पूर्व जून 1996 से मार्च 1998 के दौरान रहे दो प्रधानमंत्रियों एचडी देवेगौड़ा और इंद्रकुमार गुजराल को भी एक-एक बार लालकिले पर तिरंगा लहराने का सौभाग्य मिला।

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