अमृतसर। आम आदमी पार्टी के प्रमुख व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अमृतसर पहुंच गए हैं। खास बात यह है कि केजरीवाल के कार्यक्रम के लिए पंजाब के पूर्व आइजी कुंवर विजय प्रताप भी पहुंचे। अरविंद केजरीवाल की उपस्थिति में वह आप में शामिल हुए। पहले ही अटकलें लगाई जा रही थी कि कुंवर विजय प्रताप आज आप में शामिल हो सकते हैं।
वहीं, आप प्रमुख व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज पंजाब के अमृतसर पहुंच गए हैं। श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से जैसे ही वह अमृतसर के लिए रवाना हुए तो अकाली दल व यूथ कांग्रेस ने उन्हें काली झंडिया दिखाई। यूथ कांग्रेस ने केजरीवाल गो बैक के नारे लगाए। यूथ कांग्रेस के नेता सर्कट हाउस चौक में उनका विरोध करने के लिए इकट्ठे हुए थे, लेकिन, सुरक्षा कर्मचारी उन्हें रूट बदलकर रेलवे स्टेशन रोड से सर्किट हाउस लेकर पहुंचे।
अकाली दल के कार्यकर्ताओं का नेतृत्व वरिष्ठ अकाली नेता अवतार सिंह और अमृतसर साउथ विधानसभा क्षेत्र के प्रभारी तलबीर सिंह गिल कर रहे थे। जैसे ही केजरीवाल की गाड़ियों का काफिला एयरपोर्ट से सर्किट हाउस के लिए बाहर सड़क पर आया तो अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने काले झंडे फहरा कर केजरीवाल मुर्दाबाद आम आदमी पार्टी मुर्दाबाद के नारे लगाए। उन्होंने कहा कि केजरीवाल की नीतियां पंजाब और सिख पंथ विरोधी हैं, इसलिए केजरीवाल को पंजाब में उनकी पार्टी सफल नहीं होने देगी, क्योंकि अरविंद केजरीवाल हमेशा ही सिख विरोधी रहे हैं।
पहले ही बताया जा रहा है कि इस दौरान श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी मामले में पक्षपातपूर्ण जांच के आरोप लगने के बाद इस्तीफा देने वाले तेजतर्रार पूर्व आइपीएस अधिकारी कुंवर विजय प्रताप सिंह आम आदमी पार्टी का दामन थाम सकते हैं। दो दिन से अमृतसर में डटे कुंवर विजय प्रताप सिंह ने आप में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर न हां या न नहीं कहा। आज वह आप में शामिल हो गए।
केजरीवाल ने रविवार को ही ट्वीट कर कहा था, ‘पंजाब बदलाव चाहता है और लोगों को सिर्फ आम आदमी पार्टी से ही उम्मीदें हैं, कल (सोमवार) अमृतसर में मिलते हैं।’ दरअसल, बेअदबी मामले में कुंवर की ओर से की गई जांच को लेकर आरोपित इंस्पेक्टर गुरदीप सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कहा था कि जांच राजनीतिक संरक्षण में की जा रही है और कुंवर का रवैया भेदभावपूर्ण है। हालांकि कुंवर ने जवाब में कहा था कि सभी आरोप निराधार हैं लेकिन हाई कोर्ट ने कुंवर की ओर से की गई जांच और जांच के लिए बनी एसआइटी को रद कर दिया था। इसके बाद कुंवर ने अप्रैल में पद से इस्तीफा दे दिया था। तभी से यह माना जा रहा था कि वे राजनीति में आ सकते हैं।