प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि जब तक कोरोना वायरस के लिए एक वैक्सीन विकसित नहीं हो जाता, तब तक सभी को ‘दो गज की दूरी’ और चेहरे पर मास्क पहनना जारी रखना होगा। उन्होंने कहा कि आगे अभी किसी को नहीं पता है कि इस महामारी से कब मुक्ति मिलेगी।
आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान के शुभारंभ के दौरान पीएम मोदी, ‘हम सभी ने उतार-चढ़ाव देखा हैं। हमारे सामाजिक जीवन में कई कठिनाइयां आती रही हैं, लेकिन किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि पूरी दुनिया को एक साथ इतने बड़े संकट का सामना करना पड़ेगा। हर कोई प्रभावित है और सभी को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हम नहीं जानते कि हमें इस बीमारी से राहत कब मिलेगी। इसकी एक दवाई हमें पता है। ये दवाई है दो गज की दूरी। ये दवाई है- मुंह ढकना, फेसकवर या गमछे का इस्तेमाल करना। जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं बनती, हम इसी दवा से इसे रोक पाएंगे।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि श्रम की ताकत हम सभी ने महसूस की है। श्रम की इसी ताकत का आधार बना, भारत सरकार ने गरीब कल्याण रोजगार अभियान शुरू किया है। आज इसी शक्ति ने आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान को प्रेरणा दी है। मुझे पूरा विश्वास है कि उत्तर प्रदेश की तरह अन्य राज्य भी इस प्रकार की योजनाएं लाएंगे।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के इस संकट में उत्तर प्रदेश ने साहस और सूझबूझ से काम लिया है। सरकार ने जिस तरह से कोरोना वायरस से मोर्चा लिया और जिस तरह स्थितियों को संभाला वो प्रशंसनीय है। इसके लिए मैं यूपी के 24 करोड़ नागरिकों की सराहना करता हूं, नमन करता हूं।
पीएम ने कहा कि यूरोप के 4 बड़े देश इंग्लैंड, फ्रांस, इटली, स्पेन की जनसंख्या यूपी के बराबर ही है, लेकिन कोरोना काम में इन चारों देशों में मिलाकर 1.3 लाख लोगों की मृत्यु हुई है। जबकि उतनी ही जनसंख्या वाले उत्तर प्रदेश में 600 लोगों की ही जान गई है।
प्रधान मंत्री मोदी ने इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘अत्मा निर्भय उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान’ की शुरुआत की। कार्यक्रम से लगभग 1.25 करोड़ प्रवासी श्रमिकों को लाभ मिलने की उम्मीद है।