चंडीगढ़। जीएसटी काउंसिल की 47वीं बैठक आज यहां इंडस्ट्रियल एरिया स्थित होटल हयात में शुरू हो गई है। केंद्रीय वित्तीय मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में यहो रही बैठक में कई अहम फैसले किए जाने की उम्मीद है। बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल , चंडीगढ़ प्रशासक के एडवाइजर धर्म पाल, वित्त सचिव विजय नाम देवराव जादे, डीसी विनय प्रताप सिंह मौजूद हैं।
जीएसटी काउंसिल की बैठक में 120 लोग मौजूद हैं। बताया जा रहा है बैठक की शुरुआत में ही जीएसटी स्लैब में बदलाव न किए जाने को लेकर चर्चा हो रही है, इस पर सहमति नहीं बन रही है। अधिकतर राज्य व यूटी के प्रतिनिधि मौजूदा जीएसटी स्लैब के हक में हैं। बता दें मौजूदा चार जीएसटी स्लैब हैं, इनमें 5 फीसद, 12 फीसद, 18 फीसद और 28 फीसद की स्लैब है।
18 फीसद के स्लैब में 480 आइटम हैं, जिनमें से करीब 70 फीसदी जीएसटी संग्रह आता है।सूत्रों की मानें तो जीएसटी स्लैब रेट में कोई बदलाव नहीं होगा। लेकिन आनलाइन गेमिंग, क्रिप्टोकरंसी, लाटरी और कसीनो पर 28 फीसद जीएसटी लगना लगभग तय है।इसके अलावा टेक्सटाइल इंडस्ट्री से जुड़ी कई वस्तुओं पर जीएसटी की दरें बढ़ाई जा सकती हैं।
बता दें इससे पहले सोमवार को चंडीगढ़ के होटल हयात में देशभर से आए जीएसटी के अधिकारियों की बैठक में काउंसिल के समक्ष पेश किए जाने वाले एजेंडा के प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा हुई। हालांकि इन बिंदुओं पर अंतिम फैसला 29 जून को जीएसटी काउंसिल की बैठक में केंद्रीय वित्तीय मंत्री निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में होगा।
क्षतिपूर्ति जारी रखने को लेकर लाया जाएगा प्रस्ताव
कई राज्यों के प्रतिनिधि और विपक्ष की ओर से जीएसटी काउंसिल की बैठक में क्षतिपूर्ति जारी रखने को लेकर प्रस्ताव लाया जाएगा। इसमें केरल, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल जैसे कई राज्य शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक 30 जून को केंद्र सरकार द्वारा विशेष राज्यों को दी जाने वाली क्षतिपूर्ति की समय-सीमा समाप्त हो रही है, ऐसे में कई राज्य इसका विरोध कर सकते हैं।
बता दें कि वर्ष 2017 में केंद्र सरकार ने यह फैसला किया था कि वैट समाप्त करने पर उसकी भरपाई के लिए अगले पांच साल तक क्षतिपूर्ति राशि दी जाएगी। क्षतिपूर्ति को पूरा करने के लिए तंबाकू, सिगरेट, महंगी बाइक और कार जैसे कई वस्तुओं पर अतिरिक्त सेस लगाए गए। हालांकि क्षतिपूर्ति के नाम पर लिए जाने वाले सेस 30 मार्च 2026 तक जारी रहेंगे।
विमान ईंधन को जीएसटी के दायरे में लाने की तैयारी
काउंसिल की बैठक में विमान ईंधन को जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है। सरकार एविएशन टर्बाइन फ्यूल को वस्तु एवं सेवा कर में शामिल कर सकती है।सरकार इसमें वैट या एक्साइज के साथ जीएसटी भी लगा सकती है। विमान ईंधन पर हो सकता है 18 फीसद जीएसटी लगे।
आर्थोसेस भी न्यूनतम स्लैब में आए
कृत्रिम अंगों और आर्थोपेडिक इंप्लांट पर (ट्रामा, स्पाइन और आर्थोप्लास्टी इंप्लांट) पर एक समान 5 प्रतिशत जीएसटी दर है। इसी के तर्ज पर आर्थोसेस (स्प्लिंट्स, ब्रेसेस, बेल्ट और कैलीपर्स) को भी 5 प्रतिशत के न्यूनतम ब्रैकेट में शामिल किए जाने को लेकर काउंसिल की बैठक में प्रस्ताव लाया जाएगा। इनमें कई कृत्रिम अंग या उससे जुड़ी सेवा 12 और पांच फीसद के दायरे में है, ऐसे में इन सभी को न्यूनतम जीएसटी स्लैब पांच फीसद के दायरे में शामिल करने को लेकर प्रस्ताव लाया जाएगा।
इन मुद्दों पर भी चर्चा की उम्मीद
- -हिमाचल प्रदेश की ओर से रोप-वे पर जीएसटी 18 से पांच फीसद किए जाने की मांग की है।
- -टेटरा पैक पर जीएसटी 12 से 18 फीसद किए जाने।
- -होटल में एक हजार रुपये से कम किराए पर देना पड़ सकता है जीएसटी
- -ओस्टोमी उपकरणों (पाउच, स्टोमा चिपकने वाला पेस्ट, बैरियर क्रीम, सिंचाई किट,बेल्ट, माइक्रो-पोर टेप सहित वस्तुओं पर जीएसटी दर को 12 फीसद से घटाकर पांच फीसद किए जाने की सिफारिश की जाएगी।